रामनगर: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर अब पुन: अपने टीले की मजबूती के साथ श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहेगा. साल 2010 की विनाशकारी बाढ़ के बाद मंदिर के जिस टीले में दरारें आई थीं. अब उसका स्थायी समाधान किए जाने का कार्य तेजी से हो रहा है. लंबे समय तक अनदेखी के बाद अब सरकार और विशेषज्ञों की सक्रियता से मंदिर के टीले का पुनरुद्धार कार्य तेजी से हो रहा है.
गौरतलब है कि 2010 की बाढ़ के बाद गर्जिया मंदिर के टीले में गहरी दरारें आने लगी थी. ये दरारें समय के साथ बढ़ती गईं, जिससे मंदिर की संरचना को खतरा उत्पन्न हो गया था. इसके साथ ही हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठने लगे थे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने लगातार शासन को टीले की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा. इसी का परिणाम है कि मई 2024 में पहले चरण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. अब मॉनसून सत्र के बाद अक्टूबर-नवंबर से दूसरे चरण का कार्य शुरू किया जाएगा.
