नई दिल्ली: भारत में कंज्युमर के लिए दिवाली जल्दी आ गई क्योंकि सरकार के गुड्स एंड सर्विस टैक्स सुधार (जीएसटी सुधार या जीएसटी दर में कटौती) सोमवार 22 सितंबर से लागू हो गए हैं. जीएसटी सुधारों के तहत पिछली चार-स्तरीय टैक्स दर संरचना को संशोधित कर एक नागरिक-अनुकूल ‘सरल टैक्स’ बना दिया गया है. इसमें 18 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की टू-टेयर स्ट्रक्चर शामिल हैं.
‘नेक्स्ट जनरेशन के जीएसटी सुधार’ कहे जाने वाले इन संशोधनों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से की थी. भारत सरकार का कहना है कि जीएसटी सुधार एक ऐतिहासिक टैक्स स्ट्रक्चर के रणनीतिक, सैद्धांतिक और नागरिक-केंद्रित विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो प्रत्येक नागरिक के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा.
बता दें कि पहले जीएसटी के चार मुख्य स्लैब थे. इनमें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत शामिल हैं, जिन्हें कम कर के स्लैब में कर दिया गया है. तो चलिए अब आपको जीएसटी दरों में हुए बदलावों को पांच प्वाइंट में समझाते हैं.
1. चार स्लैब से दो प्लस एक सुपर-स्लैब तक
पहले जीएसटी के चार मुख्य स्लैब थे – पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत. अब, जीएसटी 2.0 के तहत अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर केवल पांच या 18 प्रतिशत टैक्स लगता है. केवल ‘लग्जरी’ या ‘सिन’ वाली वस्तुएं जैसे कि पान मसाला, तंबाकू, महंगी कारें, नौकाओं आदि पर 40 प्रतिशत की उच्च दर लागू होगी.
पीआईबी की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, “लेटेस्ट सुधार जीएसटी ढांचे के एक बड़े सरलीकरण का प्रतीक हैं. पहले की 12 और 28 प्रतिशत दरों को हटाकर, 5 और 18 फीसदी के दो-स्लैब सिस्टम में टैक्सेशन अधिक पारदर्शी हो जाएगा। साथ ही, पान मसाला, तंबाकू, महंगी कारों, नौकाओं और निजी विमानों जैसी लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40 फीसदी टैक्स लगाने से निष्पक्षता और राजस्व संतुलन सुनिश्चित होता है.”
2. अधिक वस्तुओं पर कम या जीरो टैक्स लागू
जिन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत कर लगता था – खासकर दैनिक जरूरत की चीज़ें जैसे खाना, डेयरी उत्पाद, दवाइयां, घरेलू सामान – अब ज्यादातर 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आ गए हैं या कुछ मामलों में तो जीरे टैक्स भी लागू है.
जिन वस्तुओं पर अब जीरो जीएसटी लगती है, उनमें अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर, सभी भारतीय ब्रेड (चपाती, पराठा, परोटा, आदि) और 33 से ज्यादा जीवन रक्षक दवाइयां शामिल हैं.
एयर कंडीशनिंग मशीनों, 32 इंच के टीवी (सभी टीवी पर अब 18 प्रतिशत), डिशवॉशिंग मशीन, 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
3. स्वास्थ्य और लाइफ इंश्योरेंस पर कोई टैक्स नहीं
छोटी कारों, टीवी और एसी के अलावा, जीएसटी सुधारों में सबसे आकर्षक छूटों में से एक होटल आवास भी शामिल है. 7,500 रुपये प्रति यूनिट प्रतिदिन या उसके बराबर वैल्यू वाली ‘होटल अकोमोडेशन’ सर्विस पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत दिया गया है. सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा भी अब जीएसटी से मुक्त कर दी गई हैं, जबकि जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि सहित सौंदर्य और शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं पर कर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
4. कुछ वस्तुएं अब महंगी हो गई हैं
सिन कैटेगरी की वस्तुओं पर अब 40 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है, जो पहले से कहीं अधिक है. पान मसाला, तंबाकू, महंगी कारों, नौकाओं और निजी विमानों जैसी वस्तुओं पर भी 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, जिससे निष्पक्षता और राजस्व संतुलन सुनिश्चित होता है.
5. कितनी चीजें सस्ती हुई?
जीएसटी स्लैब में बदलाव के कारण लगभग 375 वस्तुएं सस्ती हो रही हैं. 50 से अधिक वस्तुएं जीरो जीएसटी कैटेगरी में आ गई हैं. वस्तुओं और उनके जीएसटी परिवर्तनों की पूरी लिस्ट यहां देखी जा सकती है.
